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गुड्डू हाथी और जादुई पतंग

एक बार की बात है, दूर एक गाँव में गुड्डू नाम का नन्हा हाथी रहता था। गुड्डू बहुत प्यारा, लेकिन थोड़ा चंचल था। उसे नई-नई चीजें सीखना बहुत पसंद था।

एक दिन गाँव में पतंग उत्सव होने वाला था। सब बच्चे रंग-बिरंगी पतंगें उड़ा रहे थे। गुड्डू बहुत खुश हुआ, लेकिन उसके पास अपनी कोई पतंग नहीं थी।

वह उदास होकर नदी किनारे बैठ गया। तभी उसे एक बूढ़ा कछुआ मिला। कछुआ बोला, “बेटा, क्यों उदास हो?”

गुड्डू ने सारी बात बताई। कछुआ मुस्कराया और अपनी झोली से एक खूबसूरत, चमकदार पतंग निकाली।

“यह लो, यह जादुई पतंग है,” कछुआ बोला।

“जादुई?” गुड्डू हैरान हो गया।

“हाँ, लेकिन याद रखना – यह सिर्फ़ उन्हीं के लिए उड़ती है जो मेहनत और ईमानदारी से खेलते हैं,” कछुआ बोला और चला गया।

गुड्डू बहुत खुश हुआ। अगले दिन उसने पतंग लेकर मैदान में जाना शुरू किया, लेकिन जैसे ही वह चालाकी करता या किसी से झगड़ता, पतंग गिर जाती।

उसने समझा कि यह जादुई पतंग केवल तब उड़ती है जब वह अच्छे व्यवहार से खेलता है।

गुड्डू ने दूसरों की मदद की, अपनी बारी का इंतज़ार किया और सबके साथ प्यार से पेश आया। तब जाकर उसकी पतंग सबसे ऊपर उड़ने लगी!

सब बच्चे ताली बजाने लगे, और गुड्डू मुस्कराने लगा।

शिक्षा (Moral of the Story):

ईमानदारी, धैर्य और अच्छा व्यवहार हमेशा हमें ऊँचाई तक ले जाते हैं।

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